Consistency is a silent battle – खासकर तब जब कोई दर्शक नहीं होता, कोई तालियाँ नहीं बजतीं, और बाहर से कोई सराहना नहीं मिलती। ऐसे समय में आपकी अपनी अंदर की आवाज़ ही सबसे बड़ा हौसला बन जाती है। जब कोई ओर सहयोग और सराहना नहीं करता, तब आपको खुद के लिए तालियाँ बजानी होती हैं। यही असली दृढ़ता है। यही वो तरीका है जिससे सपने ज़िंदा रहते हैं। हर छोटा प्रयास मायने रखता है, चाहे कोई उसे देखे या नहीं।
इसलिए दूसरों की पहचान का इंतज़ार मत करो – खुद को साबित करो, अनुशासित रहो, और अपनी यात्रा का जश्न खुद मनाओ। अपने सबसे बड़े समर्थक बनो, क्योंकि सच्चा विश्वास भीतर से शुरू होता है।